मैं इस संस्थान का निदेशक राज कुमार आपका 24 वर्षों से सफलतापूर्वक चलते हुए प्रतिष्ठित पैरामेडिकल संस्थान में स्वागत करता हूँ, जहाँ से अब तक 10000 से भी ज्यादा विद्यार्थी सफल हो के चिकित्सा जगत के हर विभाग और देश-विदेश के हर कोने में काम कर के अपना, अपने संस्थान और देश का नाम रौशन कर रहे हैं। जाहिर है की आप ने इस पैरामेडिकल कॉलेज में कुछ सोच समझ के अपनी रूचि दिखाई होगी।
मैं सबसे पहले पैरामेडिकल जगत के बारे में आपको अवगत करा देता हूँ ताकि आप सोच समझ कर ही अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में सही निर्णय लें। क्यूंकि यह निर्णय आप के सपने से जुड़ा हुआ है जो की आप की सफलता पे निर्भर करता है। तो आइये पहले आप और मैं, दोनों साथ
सबसे पहले ये समझना जरुरी है की पैरामेडिकल क्या और पैरामेडिकल तकनीशियन किसे कहते है?पैरामेडिकल साइंस, मेडिकल साइंस का एक अभिन्न अंग है। दुनिया या देश के किसी भी कोने में किसी भी मरीज़ या रोगी पे उपचार करने के पहले हर डॉक्टर उस मरीज़ का डायग्नोस्टिक जांच करवाता है।
मरीज़ के डायग्नोस्टिक रिपोर्ट के आधार पर ही कोई डॉक्टर अपनी सलाह देता है। और डायग्नोस्टिक केंद्र पे उस मरीज़ की जांच करने वाला और कोई नहीं बल्कि एक पैरामेडिकल तकनीशियन होता है।
अगर उस मरीज़ की खून से सम्बंधित कोई जांच करनी होती है तो डॉक्टर उसे पैथोलॉजी जांच घर पे भेजते हैं। वहां पे जांच करने वाला तकनीशियन एक पैरामेडिकल तकनीशियन होता है, जिसे हम पैथोलॉजी तकनीशियन भी कहते हैं। इसमें अपना कैरियर बनाने के लिए आपको मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी का कोर्स करना होगा।
अगर उस मरीज़ की हड्डी या आंतरिक अंग की कोई तस्वीर लेनी है तो डॉक्टर उसे एक्स रे, ई.सी.जी, ऍम.आर.आई, सी. टी. स्कैन या अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र पे भेजते हैं। वहां पे जांच करने वाला तकनीशियन एक पैरामेडिकल तकनीशियन होता है, जिसे हम रेडियो इमेजिंग तकनीशियन भी कहते हैं। इसमें अपना कैरियर बनाने के लिए आपको रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी का कोर्स करना होगा।
इन डायग्नोस्टिक केंद्रों से रिपोर्ट आने के बाद ही कोई डॉक्टर अपनी सही सलाह दे सकता है। अब आप मान लीजिये की डॉक्टर ने उस मरीज़ पे उसके रिपोर्ट के आधार पे, ऑपरेशन करने का फैसला लिया। अब ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टर उस मरीज़ को अपने हॉस्पिटल में भर्ती कर लेंगे। हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद उस मरीज़ को ऑपरेशन थिएटर में ले जाना होगा। यहाँ इस ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के साथ कुछ और भी पैरामेडिकल तकनीशियन होते हैं जो की डॉक्टर की ऑपरेशन करने में मदद करते हैं।
ऑपरेशन थिएटर के अंदर मौजूद सारे उपकरणों की साफ़, सफाई और गुणवत्ता की जिम्मेदारी उन पैरामेडिकल तकनीशियन को होती है। इन पैरामेडिकल तकनीशियन को ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन कहते हैं। इसमें अपना कैरियर बनाने के लिए आपको ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी का कोर्स करना होगा।
अभी तक तो आप पैरामेडिकल और पैरामेडिकल तकनीशियन के बारे में समझ चुके होंगे। अब आइये इस बात को समझते हैं की पैरामेडिकल डिप्लोमा पढ़ने के बाद आप जैसे पैरामेडिकल तकनीशियन की नौकरी के लिए कैसी मांग है?
चूँकि अपना इलाज़ कराने के लिए अब लोगों के पास हर तरह की बीमा भी उपलब्ध है तो आप जरा गौर से सोचिए की अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन और डायग्नोस्टिक केंद्रों में पैथोलॉजी व रेडिओग्राफी (एक्स रे) तकनीशियन की कितनी जरुरत होगी।
और ये बात केवल मैं नहीं, सरकार भी कह रही है। भारत सरकार की अति महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थान एन.एस.डी.सी. के एक सर्वेक्षण के मुताबिक 2022 तक भारतीय चिकित्सा जगत में 11 लाख स्वास्थ्य संबन्धित पेशेवरों जैसे की पैरामेडिकल तकनीशियन इत्यादी की जरूरत होगी।
चलिए यह तो बात अपने देश की थी, अब जरा विदेश में नौकरी के लिए कैसी मांग है, इस बात पर भी चर्चा कर लें।
अगर विदेश की बात करें तो एक आंकड़े के मुताबिक पूरे विश्व में सिर्फ भारत के ही करीब 23 प्रतिशत पैरामेडिकल स्टाफ हैं. वहीं आकड़ों पर अगर गौर करें तो आने वाले समय में ये आंकड़ा दोगुना होने वाला है. यानि कि 2024 तक पूरे विश्व में सिर्फ भारत के पैरामेडिकल स्टाफों की मांग 40 फीसदी से ज्यादा बढ़ने की संभावना है। यूरोपीय देश हो या फिर ऑस्ट्रेलिया, यहां भारतीय पैरामेडिकल स्टाफों की सबसे ज्यादा मांग है. सिर्फ ब्रिटेन नेशनल हेल्थ सर्विस ही हर वर्ष एक हजार से ज्यादा सिर्फ भारतीय पैरामेडिकल स्टाफ को भर्ती करता है।
अब आप खुद सोचिये की पैरामेडिकल डिप्लोमा की पढाई करके आप अपना सपना पूरा कर सकते हैं या नहीं।